बॉलीवुड के टैलेंटेड एक्टर्स की लिस्ट में पंकज त्रिपाठी का नाम सबसे ऊपर आता है। अपनी दमदार एक्टिंग और नैचुरल परफॉर्मेंस से उन्होंने न केवल सिनेमा में बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपनी अलग पहचान बनाई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पंकज त्रिपाठी ने अपने करियर की शुरुआत में सफल होने के लिए अपना सरनेम तक बदल लिया था? इस दिलचस्प किस्से को खुद अभिनेता ने हाल ही में एक इंटरव्यू में साझा किया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
आइए जानते हैं क्यों और कैसे उन्होंने अपना सरनेम बदला और इसका उनकी जिंदगी पर क्या असर पड़ा।
पंकज त्रिपाठी: संघर्ष भरा सफर और नाम बदलने की कहानी
पंकज त्रिपाठी का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर या इंजीनियर बनें, लेकिन पंकज का दिल हमेशा एक्टिंग के लिए धड़कता था।
एक समय ऐसा भी था जब वे अपने करियर को लेकर काफी असमंजस में थे। उन्हें न तो इंडस्ट्री में पहचान मिल रही थी और न ही कोई बड़ा ब्रेक। इसी दौरान उन्होंने अपना सरनेम बदलने का फैसला किया।
आखिर क्यों बदला सरनेम?
बॉलीवुड में काम पाने के लिए कई लोग अपने नाम में बदलाव करते हैं ताकि इंडस्ट्री में फिट हो सकें। पंकज त्रिपाठी ने भी इसी सोच के चलते अपना सरनेम बदलने का फैसला किया।
हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया,
“जब मैं स्ट्रगल कर रहा था, तो मुझे किसी ने कहा कि मेरा सरनेम ‘त्रिपाठी’ थोड़ा आउटडेटेड लगता है और अगर मुझे जल्दी सफलता चाहिए तो मुझे इसे बदल देना चाहिए।”
इस सलाह पर अमल करते हुए उन्होंने अपने नाम से ‘त्रिपाठी’ हटाकर सिर्फ ‘पंकज’ कर लिया और ऑडिशन देने लगे। लेकिन इसके बावजूद उन्हें खास सफलता नहीं मिली।
नाम बदलने के बाद भी नहीं मिला काम!
सरनेम बदलने के बावजूद पंकज को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा। उन्हें छोटे-मोटे रोल मिलते थे, लेकिन कोई बड़ी पहचान नहीं मिल रही थी।
उन्होंने बताया,
“मैंने सोचा था कि शायद नाम बदलने से मेरी तकदीर बदल जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुझे वही छोटे-मोटे रोल मिल रहे थे और संघर्ष जारी था।”
फिर क्यों वापस रखा ‘त्रिपाठी’ सरनेम?
जब पंकज को अहसास हुआ कि सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा, बल्कि टैलेंट ही असली पहचान दिलाएगा, तब उन्होंने दोबारा अपने नाम के साथ ‘त्रिपाठी’ जोड़ लिया।
उन्होंने कहा,
“मुझे समझ आ गया कि असली पहचान मेरे नाम से नहीं, बल्कि मेरे काम से बनेगी। फिर मैंने अपने ओरिजिनल नाम के साथ मेहनत करनी शुरू की और धीरे-धीरे इंडस्ट्री में मेरी जगह बनने लगी।”
पंकज त्रिपाठी का स्टारडम और बड़ी फिल्मों में एंट्री
सरनेम वापस रखने के बाद पंकज ने अपने अभिनय पर ज्यादा फोकस किया और कई शानदार फिल्मों में नजर आए। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में उनका किरदार सुल्तान कुरैशी जबरदस्त हिट हुआ और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इसके बाद पंकज त्रिपाठी ने ‘फुकरे’, ‘मसान’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘स्त्री’, ‘लुका छुपी’, और ‘मिर्जापुर’ जैसी हिट फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया।
सीख: नाम नहीं, टैलेंट दिलाएगा पहचान
पंकज त्रिपाठी की यह कहानी हमें सिखाती है कि सिर्फ नाम बदलने से सफलता नहीं मिलती, बल्कि कड़ी मेहनत और टैलेंट ही असली पहचान बनाता है।
उन्होंने साबित किया कि अगर इंसान में हुनर है तो उसे पहचान जरूर मिलेगी, भले ही इसमें थोड़ा समय लगे।
आने वाली फिल्में
अब पंकज त्रिपाठी कई बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने जा रहे हैं। जल्द ही वह ‘OMG 2’, ‘मिर्जापुर 3’ और ‘मैं अतल बिहारी वाजपेयी’ जैसी फिल्मों में नजर आएंगे।
निष्कर्ष
पंकज त्रिपाठी की यह कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने करियर में नाम और पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि सफलता नाम बदलने से नहीं, बल्कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से मिलती है।
आज वे बॉलीवुड के सबसे दमदार और टैलेंटेड एक्टर्स में से एक हैं और उनकी हर फिल्म दर्शकों को कुछ नया देती है।
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