परिचय:
अक्षय कुमार एक बार फिर ऐतिहासिक किरदार में नजर आने वाले हैं। इस बार वे फिल्म ‘केसरी 2’ में सी. शंकरन नायर का किरदार निभा रहे हैं, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। सी. शंकरन नायर एक प्रसिद्ध वकील, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।
सी. शंकरन नायर का प्रारंभिक जीवन
सी. शंकरन नायर का जन्म 11 जुलाई 1857 को मद्रास प्रेसीडेंसी (अब तमिलनाडु) में हुआ था। वे एक प्रतिष्ठित मलयाली परिवार से ताल्लुक रखते थे। शिक्षा के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही रहा। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की और बाद में लॉ की डिग्री हासिल की।
कानूनी करियर और न्यायपालिका में योगदान
सी. शंकरन नायर ने अपनी कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद मद्रास हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। उनकी कानूनी प्रतिभा और न्यायिक दृष्टि ने उन्हें जल्द ही प्रसिद्धि दिला दी। उन्हें मद्रास हाई कोर्ट का जज बनाया गया और आगे चलकर वे वायसराय की काउंसिल में लॉ सदस्य बने।
उन्होंने 1915 में वायसराय काउंसिल में लॉ मेंबर रहते हुए कई महत्वपूर्ण विधायी सुधार किए। उनका उद्देश्य भारतीयों को न्याय दिलाना और ब्रिटिश कानूनों में बदलाव लाना था।
जालियांवाला बाग हत्याकांड और इस्तीफा
1919 में अमृतसर में जालियांवाला बाग हत्याकांड हुआ, जिसमें सैकड़ों निर्दोष भारतीयों को जनरल डायर के आदेश पर गोलियों से भून दिया गया। इस घटना ने सी. शंकरन नायर को झकझोर कर रख दिया। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के इस अमानवीय कृत्य का विरोध करते हुए वायसराय की काउंसिल से इस्तीफा दे दिया। यह उनके विरोध का एक बड़ा कदम था, जिससे ब्रिटिश हुकूमत को बड़ा झटका लगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस और स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
सी. शंकरन नायर ने 1897 में अखिल भारतीय कांग्रेस का नेतृत्व किया। वे उन गिने-चुने नेताओं में शामिल थे जो कांग्रेस में गरम दल और नरम दल दोनों के विचारों को समझते थे। उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का समर्थन किया और भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश शासन को खुली चुनौती दी।
अंग्रेजों के खिलाफ ‘गुप्त संघर्ष’
सी. शंकरन नायर ने स्वतंत्रता संग्राम में न सिर्फ राजनीतिक बल्कि कानूनी मोर्चे पर भी अंग्रेजों को चुनौती दी। उन्होंने भारतीयों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया और न्याय प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया। उनका मानना था कि भारत को आजादी दिलाने के लिए केवल आंदोलन ही नहीं, बल्कि कानूनी लड़ाई भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
अक्षय कुमार की फिल्म में सी. शंकरन नायर का किरदार
अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म ‘केसरी 2’ में सी. शंकरन नायर के जीवन और संघर्ष को बड़े पर्दे पर दिखाया जाएगा। फिल्म में अक्षय कुमार एक वकील के रूप में ब्रिटिश सरकार से टकराते नजर आएंगे। यह फिल्म न सिर्फ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनकहे अध्याय को उजागर करेगी, बल्कि युवाओं को इतिहास से जुड़ने की प्रेरणा भी देगी।
सी. शंकरन नायर की विरासत
सी. शंकरन नायर का नाम भारतीय न्यायपालिका और स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उनके संघर्ष और साहस ने भारतीयों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की प्रेरणा दी।
निधन और अमर विरासत
24 अप्रैल 1934 को सी. शंकरन नायर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी विरासत आज भी भारतीयों को प्रेरित करती है। उनकी याद में कई संस्थान और संगठन स्थापित किए गए हैं जो सामाजिक न्याय और कानून की दिशा में काम कर रहे हैं।
📚 निष्कर्ष:
सी. शंकरन नायर एक ऐसे वीर पुरुष थे जिन्होंने अंग्रेजों की नीतियों का डटकर विरोध किया और अपने विचारों से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। अक्षय कुमार की ‘केसरी 2’ में उनका किरदार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इस अनछुए पहलू को दर्शकों तक पहुंचाएगा।
🎥 फिल्म से जुड़ी उम्मीदें:
- सी. शंकरन नायर की भूमिका में अक्षय कुमार का दमदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
- यह फिल्म इतिहास के उस अध्याय को जीवंत करेगी जो अब तक पर्दे के पीछे रहा।
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