बॉलीवुड में लव ट्रायंगल और रिलेशनशिप ड्रामा कोई नया नहीं है, लेकिन अर्जुन कपूर, भूमि पेडनेकर और रकुल प्रीत सिंह स्टारर ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ एक अलग ट्विस्ट के साथ आई थी। जब यह फिल्म अनाउंस हुई थी, तब इसके नाम ने ही लोगों को काफी आकर्षित किया था। मगर क्या यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतर पाई?
इस फिल्म का फर्स्ट हाफ मजेदार है, मगर सेकेंड हाफ कमजोर साबित होता है। जहां अर्जुन, भूमि और रकुल का लव ट्रायंगल दर्शकों को बांधे रखने की कोशिश करता है, वहीं हर्ष गुजराल का कॉमिक टच फिल्म को देखने लायक बना देता है। आइए जानते हैं कि यह फिल्म कितनी दमदार है और क्या इसे देखने सिनेमाघर जाना चाहिए या नहीं।
कहानी: एक अजीब लव ट्रायंगल
फिल्म की कहानी जय (अर्जुन कपूर), अनन्या (भूमि पेडनेकर) और निशा (रकुल प्रीत सिंह) के इर्द-गिर्द घूमती है।
जय की शादी अनन्या से हो चुकी है, लेकिन उसकी लाइफ में एंट्री होती है निशा की। अब जय दोनों के बीच फंस जाता है—एक तरफ उसकी पत्नी और दूसरी तरफ उसकी नई गर्लफ्रेंड।
फिल्म की सबसे दिलचस्प बात यह है कि अनन्या और निशा दोनों ही जय की जिंदगी में बने रहने के लिए तैयार हैं, लेकिन अपने-अपने कंडीशन्स के साथ!
फिल्म की कहानी कॉमेडी और इमोशनल ड्रामा का मिक्सचर है, जिसमें जय इस उलझन से बाहर निकलने की कोशिश करता है। मगर असली ट्विस्ट तब आता है जब दोनों महिलाएं खुद अपने फैसले लेने लगती हैं और जय को एक साइड कर दिया जाता है।
अभिनय: हर्ष गुजराल ने मारी बाजी
अर्जुन कपूर (जय)
फिल्म में अर्जुन कपूर का परफॉर्मेंस ठीक-ठाक है। हालांकि उन्होंने कई जगहों पर अच्छा अभिनय किया है, लेकिन उनकी एक्सप्रेशन्स और डायलॉग डिलीवरी में ताजगी की कमी नजर आती है।
भूमि पेडनेकर (अनन्या)
भूमि का किरदार काफी दमदार लिखा गया है और उन्होंने इसे शानदार तरीके से निभाया भी है। उनके एक्सप्रेशन्स और इमोशनल सीन काफी प्रभावी हैं।
रकुल प्रीत सिंह (निशा)
रकुल का किरदार काफी ग्लैमरस और फन-लविंग दिखाया गया है। हालांकि, उनकी परफॉर्मेंस औसत रही और स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी सीमित महसूस हुई।
हर्ष गुजराल (कॉमिक सपोर्ट)
हर्ष गुजराल का किरदार फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है। उनकी कॉमेडी टाइमिंग, पंचलाइन और नेचुरल एक्टिंग ने फिल्म में जान डाल दी। कई जगहों पर वे स्क्रीन पर आते ही फिल्म की ऊर्जा बढ़ा देते हैं।
डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले
फिल्म को अनीस बज्मी जैसे किसी निर्देशक की ज़रूरत थी, लेकिन इसका डायरेक्शन तनुजा चोपड़ा ने किया है।
- फर्स्ट हाफ में कॉमेडी और रोमांस का बेहतरीन संतुलन है।
- सेकेंड हाफ में कहानी भटक जाती है और ड्रामा बेवजह लंबा खींच दिया गया है।
- कुछ सीन ओवर-द-टॉप लगते हैं, जो दर्शकों को कनेक्ट नहीं करने देते।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म के गाने औसत हैं।
- ‘प्यार का गेम’ और ‘तेरा- मेरा रिश्ता’ अच्छे लगते हैं, लेकिन बाकी गाने यादगार नहीं हैं।
- बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है और फिल्म की टोन को सूट करता है।
प्लस पॉइंट्स:
✅ हर्ष गुजराल की कॉमेडी टाइमिंग
✅ भूमि पेडनेकर का दमदार अभिनय
✅ कुछ मजेदार ट्विस्ट और दिलचस्प डायलॉग
माइनस पॉइंट्स:
❌ सेकेंड हाफ कमजोर और लंबा लगता है
❌ अर्जुन कपूर की एक्टिंग और स्क्रीन प्रेजेंस में कमी
❌ कुछ जगहों पर कहानी का तर्कहीन होना
क्या आपको ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ देखनी चाहिए?
अगर आप लाइट कॉमेडी और रिलेशनशिप ड्रामा पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपको ठीक-ठाक एंटरटेन कर सकती है। हर्ष गुजराल की शानदार कॉमेडी के लिए फिल्म को एक बार देखा जा सकता है।
लेकिन अगर आप एक सॉलिड स्टोरीलाइन और डीप परफॉर्मेंस की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपको निराश कर सकती है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)
- कहानी: ⭐⭐⭐
- अभिनय: ⭐⭐⭐
- डायरेक्शन: ⭐⭐
- संगीत: ⭐⭐
- कॉमेडी: ⭐⭐⭐⭐
निष्कर्ष
‘मेरे हसबैंड की बीवी’ एक सामान्य रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म है, जिसमें लव ट्रायंगल का मजेदार ट्विस्ट दिया गया है। जहां भूमि पेडनेकर और हर्ष गुजराल ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है, वहीं अर्जुन कपूर उतने प्रभावी नहीं दिखे।
फिल्म सेकेंड हाफ में थोड़ी कमजोर पड़ती है, लेकिन हर्ष गुजराल की कॉमेडी इसे बचाने में कामयाब रहती है।
अगर आप हल्की-फुल्की एंटरटेनमेंट वाली फिल्में पसंद करते हैं, तो एक बार थिएटर में जाकर देख सकते हैं। लेकिन अगर अच्छी कहानी और दमदार कंटेंट के लिए फिल्म देखना चाहते हैं, तो ओटीटी पर आने का इंतजार करें।
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