कंगना रनोट की बहुप्रतीक्षित फिल्म इमरजेंसी, जो देश के आपातकालीन कालखंड को बड़े पर्दे पर जीवंत करती है, बॉक्स ऑफिस पर उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। राजनीतिक और ऐतिहासिक मुद्दों को लेकर चर्चा में रही इस फिल्म से दर्शकों को बड़े पैमाने पर उम्मीदें थीं, लेकिन शुरुआती आंकड़ों ने संकेत दिया है कि फिल्म ने औसत से भी कम कमाई की है।
फिल्म की कहानी और महत्व
इमरजेंसी 1975-77 के आपातकाल के दौरान की कहानी पर आधारित है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था। यह समय भारतीय लोकतंत्र के लिए एक कठिन दौर था। कंगना रनोट ने न केवल फिल्म का निर्देशन किया है, बल्कि इंदिरा गांधी के किरदार को भी निभाया है। फिल्म में उस समय की राजनीतिक उथल-पुथल, प्रेस पर लगाए गए प्रतिबंध और नागरिक स्वतंत्रता पर लगाए गए अंकुश को दर्शाया गया है।
पहले दिन की कमाई
फिल्म की शुरुआती कमाई ने निर्माताओं को निराश किया है। पहले दिन इमरजेंसी ने सिर्फ ₹3.5 करोड़ का कारोबार किया, जो कंगना की पिछली फिल्मों की तुलना में बेहद कम है। वीकेंड तक फिल्म की कुल कमाई ₹15 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, यह आंकड़ा फिल्म के बड़े बजट को देखते हुए काफी कम है।
कमाई पर क्या बोले विशेषज्ञ?
फिल्म क्रिटिक्स और बॉक्स ऑफिस एनालिस्ट्स का कहना है कि इमरजेंसी का धीमा प्रदर्शन इसके भारी-भरकम बजट और सीमित दर्शकों तक पहुंचने के कारण हो सकता है। समीक्षक तरण आदर्श ने कहा, “फिल्म में कंटेंट दमदार है, लेकिन इसकी मार्केटिंग और प्रचार-प्रसार में कमी रही। इसके अलावा, युवा दर्शकों को इस तरह के राजनीतिक और ऐतिहासिक ड्रामा में उतनी दिलचस्पी नहीं है।”
दर्शकों की प्रतिक्रियाएं
इमरजेंसी को लेकर दर्शकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही। कुछ दर्शकों ने कंगना की अदाकारी की तारीफ की और फिल्म के सेट और निर्देशन को सराहा। वहीं, कुछ का मानना है कि फिल्म की गति धीमी थी और कहानी में गहराई की कमी थी।
मुंबई के एक दर्शक ने कहा, “फिल्म में कंगना का परफॉर्मेंस शानदार था, लेकिन स्क्रिप्ट उतनी प्रभावशाली नहीं थी।”
फिल्म की चुनौतियां
फिल्म को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे:
- सीमित दर्शक वर्ग: फिल्म की थीम एक खास वर्ग के दर्शकों तक सीमित रही।
- समानांतर रिलीज़: अन्य बड़ी फिल्मों के साथ रिलीज होने के कारण दर्शकों का ध्यान बंट गया।
- विवाद और प्रतिबंध: बांग्लादेश सहित कुछ देशों में फिल्म पर बैन और सिख समुदाय के विरोध ने इसकी कमाई पर असर डाला।
क्या कंगना से थी ज्यादा उम्मीदें?
कंगना रनोट को उनकी दमदार अदाकारी और विवादित बयानों के लिए जाना जाता है। इमरजेंसी को लेकर उन्होंने बड़े स्तर पर प्रचार किया था और इसे अपने करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्म बताया था। हालांकि, फिल्म की धीमी शुरुआत ने इन उम्मीदों को झटका दिया है।
फिल्म की कमजोरियां
- लंबाई: फिल्म की अवधि अधिक होने के कारण दर्शकों का ध्यान भटक गया।
- संगीत: फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर दमदार नहीं था।
- स्क्रिप्ट: कहानी में गहराई और कनेक्टिविटी की कमी ने दर्शकों को निराश किया।
फिल्म का भविष्य
फिल्म के धीमे प्रदर्शन के बावजूद, कंगना और निर्माता इसके भविष्य को लेकर आशान्वित हैं। ओटीटी रिलीज और वर्ड ऑफ माउथ से फिल्म को कुछ हद तक फायदा हो सकता है। इसके अलावा, स्कूल और कॉलेज में इसे इतिहास और राजनीति पर आधारित फिल्म के रूप में दिखाया जा सकता है।
निष्कर्ष
इमरजेंसी एक बेहतरीन प्रयास है, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसका प्रदर्शन दर्शकों की बदलती पसंद और प्रचार की कमी को दर्शाता है। कंगना रनोट की मेहनत और विषय की गहराई सराहनीय है, लेकिन फिल्म को और अधिक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए बेहतर रणनीति की जरूरत थी।
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