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‘जाट’ पर बवाल: चर्च सीन को लेकर विवादों में सनी देओल की फिल्म, ईसाई समुदाय ने की रोक की मांग

सनी देओल की हालिया रिलीज़ फिल्म ‘जाट’ ने बॉक्स ऑफिस पर जहां शानदार शुरुआत की है, वहीं अब यह फिल्म गंभीर विवादों में घिरती नज़र आ रही है। फिल्म में दिखाए गए एक चर्च वाले सीन को लेकर ईसाई समुदाय ने कड़ी आपत्ति जताई है और फिल्म पर पाबंदी लगाने की मांग उठाई है।

इस विवाद का केंद्र हैं फिल्म के एक्टर रणदीप शर्मा द्वारा निभाया गया एक दृश्य, जिसमें चर्च परिसर में कथित रूप से आपत्तिजनक व्यवहार दिखाया गया है। इसे समुदाय ने “भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला” बताया है और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो चुके हैं।


🎥 चर्च सीन से शुरू हुआ विवाद

फिल्म ‘जाट’ में एक सीन है जिसमें रणदीप का किरदार चर्च में जाकर एक पादरी से तीखी बहस करता है। इस सीन में चर्च की दीवारों पर लगे प्रतीकों और क्रॉस के सामने गुस्से में बोले गए डायलॉग्स को लेकर विवाद शुरू हुआ।

ईसाई संगठनों का कहना है कि इस सीन में धार्मिक प्रतीकों को अनादरपूर्वक दिखाया गया है और यह न केवल उनके धर्म बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान का भी अपमान है।


🙏 ईसाई संगठनों ने सेंसर बोर्ड और सरकार से लगाई गुहार

मामला बढ़ने पर कई ईसाई संगठनों ने सेंसर बोर्ड और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर फिल्म से विवादित दृश्य को हटाने की मांग की है। साथ ही कुछ संगठनों ने फिल्म पर पूरी तरह से बैन लगाने की बात भी कही है, जब तक कि “धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य” हटा न दिए जाएं।

ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा,
“हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं, लेकिन उसकी आड़ में किसी धर्म या उसकी प्रतीकों का मज़ाक उड़ाना या उन्हें गलत रूप में दिखाना स्वीकार्य नहीं है।”


💥 सोशल मीडिया पर बढ़ा गुस्सा

जैसे ही ये मामला सामने आया, सोशल मीडिया पर #BanJaatMovie और #RespectAllReligions जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई यूज़र्स ने फिल्म को “सस्ती लोकप्रियता के लिए विवादास्पद कंटेंट” का सहारा लेने वाला बताया।

हालांकि फिल्म के कुछ समर्थकों ने इस विवाद को “बिना वजह का मुद्दा” बताया और कहा कि फिल्म में किसी धर्म का अपमान नहीं किया गया, बल्कि यह सीन केवल एक किरदार की भावनात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है।


🎭 फिल्म मेकर्स और सनी देओल का रुख

फिल्म के निर्देशक राजेश मिश्रा ने बयान जारी कर कहा,
“हम किसी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का इरादा नहीं रखते। यदि किसी को बुरा लगा है, तो हम उस पर विचार करेंगे।”

वहीं सनी देओल ने भी मीडिया से बातचीत में कहा,
“फिल्म समाज की हकीकत और किरदारों के संघर्ष को दिखाती है। हमारा मकसद किसी को आहत करना नहीं था। अगर जरूरत पड़ी तो हम समुदाय से बातचीत को तैयार हैं।”


🔍 सेंसर बोर्ड की स्थिति

फिल्म को U/A सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ किया गया था और सेंसर बोर्ड ने भी पहले इस सीन को पास कर दिया था। लेकिन अब विवाद बढ़ने के बाद यह देखने वाली बात होगी कि क्या बोर्ड इस सीन की दोबारा समीक्षा करता है या नहीं।

सूत्रों के अनुसार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भी अब इस मामले पर एक समीक्षा बैठक बुला सकता है।


🔚 निष्कर्ष

‘जाट’ जैसी फिल्में जब समाज के मुद्दों को दिखाने की कोशिश करती हैं, तो वो कई बार संवेदनशील सीमाओं को भी छू जाती हैं। इस मामले में यह स्पष्ट है कि कुछ समुदायों ने फिल्म के एक सीन को लेकर गहरी आपत्ति जताई है, और फिल्ममेकर्स को इसपर जवाब देना होगा।

फिलहाल तो विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा, लेकिन यह ज़रूरी है कि रचनात्मक स्वतंत्रता और धार्मिक सम्मान — दोनों के बीच संतुलन बना रहे।


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