दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) की हार पर बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस चुनावी नतीजे को कश्मीरी पंडितों से जोड़ते हुए एक खास संदेश दिया है। अनुपम खेर, जो खुद एक कश्मीरी पंडित हैं और इस समुदाय की पीड़ा को खुलकर सामने लाते रहे हैं, ने केजरीवाल की हार पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की।
अनुपम खेर ने क्या कहा?
अनुपम खेर ने अरविंद केजरीवाल की हार को कश्मीरी पंडितों के संघर्ष से जोड़ते हुए कहा कि सत्यमेव जयते (सत्य की हमेशा जीत होती है)। उन्होंने कहा कि “कश्मीरी पंडितों का दर्द अनदेखा करने वालों को जनता ने जवाब दिया है।”
उनका इशारा इस ओर था कि केजरीवाल सरकार ने अतीत में कश्मीरी पंडितों के मुद्दों को हल्के में लिया था और अब जनता ने इसका जवाब चुनाव के जरिए दिया है।
कश्मीरी पंडितों का मुद्दा और राजनीति
कश्मीरी पंडितों का मुद्दा पिछले कुछ वर्षों में लगातार सुर्खियों में रहा है। 1990 में कश्मीर से इनके पलायन के बाद से यह समुदाय अपने हक और न्याय की मांग करता आ रहा है। अनुपम खेर हमेशा इस विषय पर मुखर रहे हैं और उन्होंने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के जरिए भी इस दर्द को सामने रखा था।
अनुपम खेर के मुताबिक, केजरीवाल ने इस फिल्म और कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर जिस तरह के बयान दिए थे, वह काफी आपत्तिजनक थे। उन्होंने तब ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कहा था कि यह एक प्रचार करने वाली फिल्म है। अब जब आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, तो अनुपम खेर ने इसे न्याय की जीत बताया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
अनुपम खेर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनके समर्थन में हैं और कह रहे हैं कि कश्मीरी पंडितों की आवाज उठाना जरूरी है, जबकि कुछ लोग इसे राजनीतिक बयानबाजी बता रहे हैं।
🔹 एक यूजर ने लिखा: “कश्मीरी पंडितों का दर्द सिर्फ राजनीति के लिए नहीं, यह वास्तविकता है। अनुपम खेर सही कह रहे हैं।”
🔹 दूसरे ने लिखा: “फिल्में और राजनीति को अलग रखना चाहिए। यह सिर्फ एक चुनावी हार है, इसका कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है।”
हालांकि, अनुपम खेर के बयान ने एक बार फिर कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बना दिया है।
केजरीवाल और ‘द कश्मीर फाइल्स’ विवाद
जब 2022 में विवेक अग्निहोत्री निर्देशित ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज़ हुई थी, तब इसने पूरे देश में कश्मीरी पंडितों के पलायन और उन पर हुए अत्याचारों को लेकर बहस छेड़ दी थी।
इस दौरान दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने इस फिल्म को लेकर कहा था कि “अगर यह फिल्म इतनी अच्छी है, तो इसे फ्री में यूट्यूब पर डाल देना चाहिए, लोग खुद देख लेंगे।” इस बयान को अनुपम खेर और अन्य कश्मीरी पंडितों ने अपमानजनक बताया था।
अब जब आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, तो अनुपम खेर ने इसी बयान की याद दिलाते हुए केजरीवाल को आड़े हाथों लिया।
क्या है आगे का राजनीतिक संकेत?
अनुपम खेर के इस बयान से यह साफ है कि कश्मीरी पंडितों का मुद्दा आने वाले चुनावों में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
🔹 भाजपा और अन्य पार्टियां कश्मीरी पंडितों के समर्थन में लंबे समय से खड़ी हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाती आई हैं।
🔹 केजरीवाल और AAP को इस हार के बाद शायद अपने पिछले बयानों पर पुनर्विचार करना पड़े।
🔹 कश्मीरी पंडितों का समुदाय भी इस चुनावी नतीजे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है और इस मुद्दे को और ज्यादा मजबूती से उठाने की मांग कर रहा है।
निष्कर्ष
अनुपम खेर ने अरविंद केजरीवाल की हार को कश्मीरी पंडितों के संघर्ष से जोड़ा, जिससे यह मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है। यह साफ है कि राजनीति और सिनेमा के बीच यह बहस जारी रहेगी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि आम आदमी पार्टी इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और कश्मीरी पंडितों के समर्थन में कौन-कौन सी राजनीतिक पार्टियां आगे आती हैं।
Leave a comment