हाल ही में रिलीज़ हुई और खूब सराही गई फिल्म ‘लापता लेडीज’ अब विवादों में आ गई है। वजह? ‘बुर्का सिटी’ के डायरेक्टर ने इस पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि इस फिल्म के कई सीन और डायलॉग्स उनकी फिल्म से हूबहू मिलते हैं।
इस विवाद ने कॉपीराइट, ऑरिजिनलिटी और क्रिएटिव क्रेडिट जैसे मुद्दों को फिर से गरम कर दिया है। क्या यह सिर्फ एक इत्तेफाक है या फिर किसी की मेहनत का फायदा किसी और ने उठा लिया?
आइए जानते हैं पूरा मामला विस्तार से।
🎬 क्या है मामला?
‘बुर्का सिटी’ एक इंडी फिल्म है जिसे कुछ समय पहले छोटे स्तर पर रिलीज किया गया था। इस फिल्म के निर्देशक रईस कादरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दावा किया है कि:
“‘लापता लेडीज’ में दिखाए गए कई सीन, किरदारों की बोली और यहां तक कि कुछ डायलॉग्स भी मेरी फिल्म ‘बुर्का सिटी’ से मेल खाते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने ‘बुर्का सिटी’ का स्क्रीनर कुछ समय पहले कई स्टूडियो और फेस्टिवल्स में भेजा था, जिससे अंदेशा है कि किसी ने उनके काम को संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल किया हो।
🎞️ क्या वाकई दोनों फिल्मों में समानताएं हैं?
कुछ फिल्म समीक्षकों और यूट्यूब विश्लेषकों ने दोनों फिल्मों के सीन और डायलॉग्स का विश्लेषण किया है, जिसमें उन्होंने पाया:
- किरदारों की पृष्ठभूमि – दोनों फिल्में ग्रामीण भारत की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं।
- महिलाओं की स्थिति और समाज के रवैये पर केंद्रित विषयवस्तु।
- एक जैसे संवाद – खासतौर पर एक किरदार का संवाद “औरत को गुम करने से ज़्यादा मुश्किल है, उसे पहचानना” दोनों फिल्मों में पाया गया।
- कथानक की दिशा और टोन भी काफी हद तक मिलती-जुलती है।
हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि ‘लापता लेडीज’ ने पूरी तरह कॉपी किया है, लेकिन समानताएं अनदेखी नहीं की जा सकतीं।
🎤 डायरेक्टर रईस कादरी की प्रतिक्रिया
रईस कादरी का कहना है:
“मैं ये नहीं कह रहा कि उन्होंने जानबूझकर मेरी फिल्म की नकल की, लेकिन इतनी समानताएं इत्तेफाक नहीं हो सकतीं। मेरे पास स्क्रिप्ट, शॉट लिस्ट और पुराना फुटेज है, जिसे मैं पेश करने को तैयार हूं।”
उन्होंने यह भी बताया कि वे कानूनी सलाह ले रहे हैं और जल्द ही इस मामले में औपचारिक शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं।
🧑⚖️ ‘लापता लेडीज’ की टीम की प्रतिक्रिया क्या है?
अब तक फिल्म के निर्माता या निर्देशक की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, फिल्म इंडस्ट्री में ऑरिजिनल आइडिया की चोरी कोई नया मुद्दा नहीं है, और ऐसी शिकायतों पर अक्सर जांच की जाती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि डायरेक्टर के पास ठोस सबूत हैं, तो यह मामला फिल्म बिरादरी के लिए एक संजीदा चेतावनी हो सकता है।
🎯 क्या कहते हैं सिनेप्रेमी और फिल्म समीक्षक?
सोशल मीडिया पर यूजर्स दो खेमों में बंट गए हैं:
- कुछ का कहना है कि “समान थीम का मतलब कॉपी नहीं होता”।
- वहीं, कुछ लोगों ने ‘बुर्का सिटी’ के सीन देखकर ‘लापता लेडीज’ पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
फिल्म समीक्षक मयंक शेखर कहते हैं:
“यदि दो फिल्में समान समाजिक मुद्दों को दिखाती हैं, तो कुछ मेल होना स्वाभाविक है, लेकिन डायलॉग और शॉट्स का हूबहू मिलना चिंता की बात है।”
📝 निष्कर्ष:
फिल्में समाज का आईना होती हैं, लेकिन जब रचनात्मकता और मौलिकता पर सवाल उठने लगें, तो वह आइना धुंधला होने लगता है।
‘लापता लेडीज’ और ‘बुर्का सिटी’ के बीच जो समानताएं सामने आई हैं, उन्हें सिर्फ इत्तेफाक कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस पूरे मामले में पारदर्शिता और ईमानदारी से जांच जरूरी है, ताकि हर कलाकार को उसके काम का उचित श्रेय मिल सके।
क्या यह सच में सिर्फ एक ‘संयोग’ है या कोई ‘कॉपी पेस्ट’?
इसका जवाब आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
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