बॉलीवुड के म्यूजिक सेंसेशन हिमेश रेशमिया एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौटे हैं, लेकिन इस बार अपने सिंगिंग टैलेंट के बजाय बतौर हीरो। उनकी नई फिल्म ‘बैडस रवि कुमार’ जबरदस्त एक्शन, पंचलाइन डायलॉग्स और ओवर-द-टॉप एंटरटेनमेंट का दावा करती है। लेकिन क्या यह फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी, या फिर यह सिर्फ एक और बिना लॉजिक वाली एक्शन फिल्म बनकर रह जाएगी? आइए जानते हैं इस फुल-ऑन मसाला एंटरटेनर के बारे में।
फिल्म की कहानी
‘बैडस रवि कुमार’ एक मसाला एक्शन फिल्म है, जिसमें 90s के बॉलीवुड विलेन और हीरो के ओवर-द-टॉप स्टाइल का जबरदस्त मेल है।
- कहानी की शुरुआत होती है रवि कुमार (हिमेश रेशमिया) से, जो एक बेखौफ और स्टाइलिश हीरो है।
- उसे एक मिशन पर भेजा जाता है, जहां उसे कुछ डरावने विलेन और गैंगस्टर्स से भिड़ना पड़ता है।
- फिल्म में 90s की फिल्मों की तरह ही बड़े-बड़े डायलॉग्स, धीमी चाल में चलते विलेन और जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस डाले गए हैं।
- रवि कुमार का किरदार ऐसा दिखाया गया है जो किसी से नहीं डरता और अपने दम पर दुश्मनों को धूल चटा सकता है।
फिल्म में हिमेश रेशमिया को एक ऐसे सुपरहीरो टाइप किरदार में दिखाया गया है, जो सिर्फ स्टाइल मारता है और बिना लॉजिक के एक्शन करता है।
परफॉर्मेंस: हिमेश रेशमिया ने क्या कमाल किया?
- हिमेश रेशमिया का एक्शन हीरो अवतार देखकर फैंस जरूर सरप्राइज हो सकते हैं।
- उनके डायलॉग डिलीवरी में थोड़ा ज्यादा ड्रामा है, लेकिन यह उन्हीं के स्टाइल से मेल खाता है।
- उनके एक्सप्रेशंस और बॉडी लैंग्वेज कहीं-कहीं ज्यादा ओवरएक्टिंग जैसे लग सकते हैं।
- फिल्म में बाकी कलाकार भी हैं, लेकिन ज्यादातर स्क्रीनटाइम हिमेश रेशमिया को ही दिया गया है।
अगर आप हिमेश रेशमिया के फैन हैं, तो यह फिल्म आपको काफी पसंद आ सकती है।
फिल्म के प्लस पॉइंट्स
✔ नो ब्रेनर एंटरटेनमेंट – अगर आपको सिर्फ मसाला और बिना लॉजिक वाला सिनेमा पसंद है, तो यह फिल्म ठीक लगेगी।
✔ डायलॉग्स – फिल्म में कुछ बोल्ड और मसालेदार डायलॉग्स हैं, जो फैंस को पसंद आ सकते हैं।
✔ बैकग्राउंड म्यूजिक – हिमेश रेशमिया के नाम से म्यूजिक अच्छा होगा, यह उम्मीद की जा सकती है।
✔ स्टाइलिश एक्शन – फिल्म में एक्शन सीन काफी स्टाइलिश और भारी-भरकम दिखाए गए हैं।
✔ नॉस्टेल्जिया फैक्टर – 90s के विलेन और हीरो स्टाइल को देखकर पुराने जमाने की याद आ सकती है।
फिल्म की कमजोरियां
❌ लॉजिक गायब – फिल्म में लॉजिक की बिल्कुल भी जगह नहीं है।
❌ ओवरएक्टिंग – हिमेश का डायलॉग डिलीवरी और ओवरएक्टिंग कुछ जगहों पर हंसाने लगती है।
❌ कहानी में नयापन नहीं – यह वही पुरानी हीरो-विलेन वाली कहानी है, जिसे कई बार देखा जा चुका है।
❌ विलेन कमजोर – फिल्म में विलेन को बहुत ही सिंपल और कमजोर तरीके से दिखाया गया है।
क्या आपको ‘बैडस रवि कुमार’ देखनी चाहिए?
- अगर आप हिमेश रेशमिया के डाई-हार्ड फैन हैं, तो यह फिल्म आपको पसंद आ सकती है।
- अगर आपको नो ब्रेनर मसाला एंटरटेनर और 90s स्टाइल की फिल्में पसंद हैं, तो यह फिल्म ठीक लगेगी।
- लेकिन अगर आप एक स्ट्रॉन्ग स्टोरी, अच्छी एक्टिंग और लॉजिक वाली फिल्म की तलाश में हैं, तो शायद यह फिल्म आपके लिए नहीं बनी है।
फाइनल वर्डिक्ट
‘बैडस रवि कुमार’ एक एंटरटेनिंग लेकिन लॉजिक से परे फिल्म है। यह उन लोगों के लिए है जो सिर्फ मस्ती और एक्शन से भरी बिना दिमाग लगाए देखने वाली फिल्में पसंद करते हैं।
रेटिंग: ⭐⭐ (2.5/5)
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